पूर्व जिला पंचायत सभापति गोवेंद्र पटेल ने कृषि आयुक्त सहला निगार से की शिकायत
सभापति जी ने प्रेस मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को जो चैंप्स योजना के अंतर्गत कृषि यंत्र दिए जाते हैं जिसमें ट्रैक्टर हार्वेस्टर रोटावेटर मल्चर और अन्य कई कृषि यंत्र बीज निगम के माध्यम से किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है पूर्व सरकार ने केंद्र की योजना को खूब दुरुपयोग किया है वर्तमान में 2024 25 में जो ट्रैक्टर स्वीकृत जिन किसानों का हुआ है उसमें सभापति जी का आरोप है कि बहुत से पुराने ट्रैक्टरों को स्वीकृत कर दिया गया है जबकि किसान पहले ट्रैक्टर के लिए अपना आवेदन के साइड में जाकर ऑनलाइन करता है फिर उसके बाद टारगेट जो विभाग को मिलता है उसे हिसाब से किसानों को विभाग पहले आओ पहले पाओ मतलब प्रथम पंक्ति के किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाता है सभापति ने आरोप लगाया है कि सरकार बदल गई मगर कुछ पुराने अधिकारी अभी भी प्रमुख पदों पर जमे हुए हैं इन्हीं के कार्यकाल में किसी बड़े मंत्री के मौखिक आदेश पर पूर्व सरकार में ट्रैक्टर मनमर्जी तरीके से बांट दी गई थी क्योंकि ए लोग सोच रहे थे कि सरकार तो हमारी ही बननी है ए सोच कर एडवांस में ट्रैक्टर बाट दिया गया चुनाव जीतने के लिए अब सरकार तो नहीं बनी चुकी अधिकारी पुराने ही थे तो उन्होंने चुपके से उन किसानों का प्रथम पंक्ति में पंजीयन करा कर उनको लाभ पहुंचाया गया सभापति जी का सीधा आरोप है की नई सरकार को बने लगभग 2 साल पूरा हो गया बेमेतरा जिला में सैकड़ो ट्रैक्टर भी स्वीकृत हो चुके हैं अकेले साजा में ही पचासों ट्रैक्टर स्वीकृत हुवे होंगे मगर आज तक विभाग ने एक भी ट्रैक्टर का चाबी क्षेत्रीय विधायक या किसी जनप्रतिनिधी से नई दिलवाया कैसे दिलवाते अधिकतर ट्रैक्टर पुराने थे पोल खुलने का डर था सभापति जी ने विभाग के ऊपर ए भी आरोप लगाया कि जब तक पुराने अधिकारी नहीं हटेंगे तब तक ए घोटाला नहीं रुकेगा इनकी कारगुज़ारियों की वजह से छत्तीसग़ढ राज्य को इस साल ट्रेक्टर का टारगेट भी 1500 से घट कर 300 हो गया
